अनैतिक-पूंजीवाद के धोतक हिंदुजा बंधुओं प्रकाश हिंदुजा (78 साल) और कमल हिंदुजा (75 साल) को साढ़े चार साल और उनके बेटे अजय और बहू नम्रता को स्विट्ज़रलैंड की अदालत ने चार चार साल की सजा सुना दी है। सजा की वजह इनके द्वारा अपने घरेलू नौकरों का शोषण और उत्पीड़न करना है। स्विस अदालत ने पाया कि ये रईस घर मे काम करने वाले अपने कर्मचारियों को मात्र 700 रुपया (8$) रोज की पगार देते थे। यह भुगतान भी भारतीय रुपयों में किया जाता था, और रुक रुक कर, तरसा तरसा कर किया जाता था। यह राशि स्विट्ज़रलैंड के न्यूनतम वेतन से 10 गुना और इन हिन्दूजायों के द्वारा अपने कुत्तों पर किये जाने वाले खर्च से चार गुना कम हैं। इसके अलावा ये रईसजादे इन नौकरों को पेट भर खाना नहीं देते थे, मारपीट करते थे, क्रूरतापूर्ण बर्ताव करते थे। इन सबके पासपोर्ट भी हिन्दुजाओं ने जब्त करके अपने पास रख लिए थे ताकि वे देश वापस न जा सकें। शोषण के शिकार ये सभी कर्मचारी "इंडिया दैट इज भारत दैट इज हिंदुजा के अपने देश हिंदुस्तान के थे"।
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यह कर्म उस हिंदुजा खानदान ने किया है जो "इंग्लैंड दैट इज यूनाइटेड किंगडम" का सबसे रईस खानदान है और स्विट्जरलैंड की हसीन वादियों के जिस विला - भव्य आलीशान भवन - का यह कांड है, उसकी कीमत ही अरबों रुपये में हैं।
यह हिंदूजा बन्धु इंडिया में होते तो क्या कोई इंडियन कोर्ट, स्विट्ज़रलैंड कोर्ट की भाँति सजा दे पाती की तो छोड़िए; क्या देने की सोचती भी? इस हद तक हमारा देश ऐसे संवेदनहीन अनैतिक पूंजीवादियों के कब्जे में आता जा रहा है दिन-भर-दिन।
न्यूज़ सोर्स: https://www.forbes.com.au/news/billionaires/billionaire-hinduja-family-members-get-4-5-years-in-swiss-prison/
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