Friday 24 April 2015

इससे पहले कि आपके दादे-खेड़े आपसे और ज्यादा रूष्ट हों, छोड़ द्यो इनका पूंजड़!


दो-चार हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन कर इधर-उधर हो जाने वालों पर धरती-पाताल एक कर देने वाले योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज, तमाम शंकराचार्य और साध्वियां व् इनके भगतगण किधर हो आप लोग; यह देखो यहां दो-चार नहीं रोज-की-रोज दर्जनों किसान आत्महत्या कर धर्म तो क्या गृह ही परिवर्तित किये जा रहे हैं; और यह तमाम हिन्दू हैं|

तुमको तो पहले से ही ज्यादा हिन्दू चाहिए ना, क्योंकि मुस्लिमों से लोहा जो लेना है| इसीलिए तो एक-एक हिन्दू औरत को 4-5 बच्चे पैदा करने की गुहार लगाते हो? अरे पहले जौनसे धरती पर हैं उनको तो संभाल लो या तुम्हारी सरकारों से सम्भलवा दो|

यह लोग तो शायद ना सुनें, परन्तु ओ जाटो-जमींदारों-किसानों की औलादो, तुम ही संभल जाओ, क्या इन हालातों को देखने के बाद भी इनके ही पूंजड़ पकडे रहने को मन मान रहा है? सुध लो अपनी स्वछंद छवि और मति की, आप तो खुद "देवता" होते आये हो इस समाज के| यह तो खुद दो दाने पैदा करके पेट नहीं भर सकते अपना, उसके लिए भी आपपे निर्भर हैं तो आपका क्या ख़ाक भरेंगे|

सच कह रहा हूँ, इससे पहले कि आपके दादे-खेड़े आपसे और ज्यादा रूष्ट हों, उनकी आत्माएं रोवें और आपको ही धिक्कारें, छोड़ द्यो इनका पूंजड़| - फूल मलिक

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