Thursday 30 June 2022

हेमराज डाकू (बाग्गी)!

एक रियल स्टोरी। 

हेमराज डाकू (बाग्गी)का (गोरा रंग अति सुन्दर कद 6'3")जन्म सन 1915 में जिला जींद के  मेहरडा गाँव में हरेराम के घर हुवा।ये मशहूर निघाइया(1856) की पांचवी पीढ़ी से थे।हेमराज की 3 बहनें छ्न्नो,धनकोर तीसरी का नाम याद नहीं है थी हेमराज के दो भाई दीवाना और भगत में से दीवाना काफी दबंग था अपने साथ काफी लठैत रखता था इनका परिवार काफी संपन था।इनका फ़ादर हरेराम 20,25 गांवो का चौधरी था। 

गांवों में कुछ बाह्मण भी रहते थे एक दीपा बाह्मण इनसे किसी डांगर की खरीद फरोख्त बाबत उलझ गया वो भी आछा संपन था उसने और उसके हमजातों ने मिलकर हेमराज के बाप हरेराम को मार दिया हेमराज बहुत सरीफ़ था इस घटना से पहले।उसके बाद हेमराज ने अपने गांव के सभी बाह्मणो का सफाया कर दिया तथा आस पास या हरयाणा के  गांवो से ये गूर्जरता तो जाती पूछता उसमें अगर कोई  बाह्मण मिला उसी को मार दिया करता।बाकी कई कहानियां हैं अलग अलग इलाकों की जो प्रचलित हैं।

अंत में 1955 में एक मुख्बिरी से हेमराज एक पुलिस मुठभेड़ में बूढ़ाखेडा गाँव में घिर गया उसने अपनी ही बंदूक से अपना जीवन समाप्त किया।

चेता किसान। (https://www.facebook.com/profile.php?id=100040322672354) 

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