जय यौद्धेय! - फूल मलिक
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Friday, 6 August 2021
फंडी कैसे समाज में polarisation व् manipulation का गेम खेलते हैं, उसकी इस धाती से समझिए!
Tuesday, 3 August 2021
क्या है जो 8 महीने बीत जाने पर भी किसान अपने धरनों की टकसाल सी निरंतर चलाए जाते हैं?
निचौड़: यह पब्लिक संसदों व् पब्लिक की क्याण (लिहाज-लाज) मानने के दस्तूर अमेरिका-यूरोप में मिलते हैं; स्वघोषित विश्वगुरु बने फंडियों के यहाँ नहीं| आगे कभी भी भूल सर मत बैठाइयो इनको|
Friday, 30 July 2021
जिसकी जितनी विधवा औरतें, विधवा आश्रमों में सड़ती हैं, वह जाति, वह वर्ण, वह वर्ग उतना ही बड़ा स्वर्ण व् कुलीन!
Wednesday, 28 July 2021
कोई राजनैतिक लालच भी देवे तो चिंता ना करियो; बस महाराजा सूरजमल गेल फंडियों ने क्या करी थी उसको स्मरण कर लीजियो!
किसान आंदोलन को पार उतारने हेतु सरदार अजित सिंह, सर छोटूराम व् चौधरी चरण सिंह जैसी फंडी की चाल को पहले भाँप लेने वाली कुशाग्र कुटिलता से चलना होगा हर किसान लीडर को| अन्यथा इन फंडियों के प्रति थोड़ा सा भी अपनापन टाइप के भाव में आये और इन्होनें आपको ठीक उसी तरह पटकनी दी जैसे महाराजा सूरजमल के सर से दिल्ली का ताज ठीक उसी दिन दूर कर दिया था, जिस दिन उनकी दिल्ली के तख्त पर ताजपोशी थी यानि 25 दिसंबर 1763 को| सोण-कसोण के नाम पर फंडियों ने महाराजा सूरजमल को ताजपोशी से पहले निहत्थे हो यमुना में स्नान करके आने की कह दी व् उन्होंने मान ली और उधर इन्हीं फंडियों के घात पे बैठाये मुस्लिम सैनिकों ने निहत्थे महाराजा की गर्दन उड़ा दी| अगर धर्म के नाम पर इन फंडियों के लिए किसी का हेज पाटता हो तो यह घटना याद कर लेना, फिर भी समझ ना आवे तो शाहदरा में महाराज सूरजमल की समाधि पर हो आना| तुम्हारा सबसे बड़ा दुश्मन ना मुसलमान है, ना ईसाई; सिर्फ यह फंडी है जो तुम्हारा बन के तुम्हारे धर्म का कुहा के, तुम्हारे बीच बैठ तुम्हारी गोभी खोदता है| अभी यूपी एलेक्शंस सर पे हैं तो यूपी को बचाने हेतु अभी अलग ओहदे के फंडी तुम्हारे चक्कर काटने पर लगाए जायेंगे; सौं तुम्हें तुम्हारे पुरखों की जो इनकी बहकाई में आए तो|
Monday, 26 July 2021
अनाज को पत्थरों पर चढ़ाते फिरते हो, इसलिए मंडियों/बाजारों में यथोचित दाम पर नहीं बेच पाते व् हताश हो सड़कों पर फेंक के आते हो!
एक कहावत चलती आई है उत्तरी भारत की सबसे बड़ी जमींदार/किसान बिरादरी पर कि, "जाट भेल्ली दे दे, पर गन्ना/गंडा ना दे"|
Sunday, 25 July 2021
"दादा नगर खेड़ों" पर सिर्फ ज्योत लगाई जाती है, प्रसाद रुपी अनाज-फल-दूध या "गुड़ की भेली" चढ़ा अनाज की बेअदबी नहीं की जाती; बल्कि उसको इंसानों में ज्योत लगाने वाली ही स्वत: वितरित करती है!
जिसने अपनी कष्ट कमाई की बेअदबी करनी सीख ली या सहज मंजूर कर ली, उससे खाली दिमाग कौन होगा? बस आप इस कष्ट-कमाई को कदमों-पत्थरों पर रुलवा सकते हो या नहीं; यह पत्थरों पर चढ़वा के बाकायदा पहले चेक किया जाता है|
Thursday, 22 July 2021
फंडी की manipulation व् polarisation थ्योरियों से बचना व् बचाना क्यों जरूरी है व् कैसे यह आपकी सांझा व्यापार-कारोबार की संभावनाओं को कुंध कर रहा है?
हमारे अंदर चार इंटरनल पावर एम्पायर (आंतरिक शक्ति साम्राज्य) होते हैं:
Tuesday, 20 July 2021
हिंडवा / हिंडी / इंडवा / इंडि से बना दूँ क्या इंडिया?
पाड़ ल्यो पूंझड़ मेरा, वो सनकी लेखक/फंडी जो मात्र शब्दों के मिलाप के आधार इतिहासकार बने फिरते हैं| जो यह समझने को ही रेडी नहीं कि इतिहास सिर्फ शब्दों के मिलाप के आधार पर नहीं लिखे जाते वरन जेनेटिक्स, शिलालेख, आर्कियोलॉजिकल दस्तावेज भी साथ में रखने होते हैं|
Friday, 16 July 2021
फंडियों के इशारे पर "ठगपाल एंड कंपनी" की लगवाई हुई है "पंजाब में चुनाव लड़ने की बात" किसान आंदोलन में!
याद रखना इससे पहले इस कंपनी को खापों में दो-दो चौधरी बनवा इनको धड़ों में बाँट इनकी ताकत कम करने का काम दिया गया था, जिसमें यह काफी जगह कामयाब भी हुए| भला हो इस किसान आंदोलन का कि खाप-चौधरी तो फिर से एक हो गए हैं व् एकमुश्त किसान आंदोलन में जी-जान व् चट्टान जैसी ढाल की तरह संयुक्त किसान मोर्चे के पीछे खड़े हैं| जो कि किसान आंदोलन को एक अप्रत्याशित शक्ति प्रदान करता है|
Wednesday, 14 July 2021
वर्तमान किसान आंदोलन की सफलता के उस पार "राष्ट्रीय किसान राजनीति का आगे का स्वर्णिम भविष्य" मुंह बाए बाट जोह रहा है; इसको स्टेट पॉलिटिक्स में ना ही रोळा जाए तो बेहतर!
सन 1907 में सरदार अजित सिंह के "पगड़ी संभाल जट्टा" किसान आंदोलन से शुरू हो सर छोटूराम व् सर फज़ले हुसैन की जोड़ी से होती हुई सरदार प्रताप सिंह कैरों व् चौधरी चरण सिंह (साउथ-ईस्ट इंडिया से भी बड़े नाम जोड़ लीजिये) से होते हुए 2011 में बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के जाने के वक्त से जो "राष्ट्रीय किसान राजनीति" रुपी नाव इसके खेवनहार की जो बाट जोह रही है, उस खेवनहार/ उन खेवनहारों को देने का माद्दा रखती है वर्तमान किसान आंदोलन की सफलता|
फ्रांसीसी क्रांति का दिन है आज, 14 July, 1789 कुछ ऐसे ही हालात व् वजहें थी फ्रांस में जिनके चलते आज इंडिया में दिल्ली बॉर्डर्स पर किसान आंदोलन है!
आगे बढ़ने से पहले कहता चलूँ:
Monday, 12 July 2021
स्याणे थारे पुरखे थे या थम हो?
यूपी में चुनी हुई महिला पार्षदों के साथ व् हांसी में आंदोलनरत किसान महिलाओं (वो भी दोनों जगह हिन्दू धर्म की ही) के साथ बीजेपी व् संघ के लोगों (विनोद भयाणा व् मनीष ग्रोवर) द्वारा मारपीट से ले अश्लील इशारे व् हरकतें करना इनकी 'देवदासी व् वर्णवादी मानसिकता' का खुला परिचय है| सबूत है कि इनके लिए "हिन्दू एकता व् बराबरी", "भाईचारा" टाइप की इमोशनल बातें व् हवाले, आपको अपने झांसे में फंसा के आपका दिमाग-सोच-वोट-नोट हड़पने का प्रपंच मात्र होते हैं|
Friday, 9 July 2021
क्या वाकई में ऋग्वेद मात्र 550 साल पुराना है?
हम अक्सर धार्मिक विद्वानों से सुनते आए हैं कि वेद, रामायण-महाभारत पुराण-उपनिषद आदि सबसे पुराने हैं| और नीचे सलंगित वीडियो ने कुछ सबूतों समेत दावा किया है कि सबसे पुराना ग्रंथ कहे जाने वाले ऋग्वेद की सबसे पुरानी पाण्डुलिपी यानि मैनुस्क्रिप्ट सिर्फ 550 साल पुरानी है|